LLB Ka Full Form In Hindi | एलएलबी का फुल फॉर्म: जानें क्या है एलएलबी
एलएलबी का फुल फॉर्म क्या होता है? एलएलबी कोर्स करने के लिए योग्यता, फीस, संभावनाएं और करियर के अवसरों के बारे में विस्तार से जानें। एलएलबी से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी हिंदी में।
![]() |
LLB Ka Full Form In Hindi |
एलएलबी का फुल फॉर्म: पूरी जानकारी हिंदी में
आजकल करियर के विकल्पों की खोज में कई लोग कानून के क्षेत्र की ओर रुख कर रहे हैं, और कानून का अध्ययन करने के लिए सबसे प्रमुख कोर्स है एलएलबी। इस लेख में हम जानेंगे एलएलबी का फुल फॉर्म, इसे कैसे किया जाता है, और इसके बाद करियर के कौन-कौन से विकल्प खुलते हैं।
एलएलबी का फुल फॉर्म क्या है?
एलएलबी का फुल फॉर्म है Bachelor of Legislative Law। हिंदी में इसे 'कानून स्नातक' कहा जाता है। यह एक स्नातक डिग्री है, जिसे कानून के क्षेत्र में कॅरियर बनाने के इच्छुक छात्र करते हैं। यह डिग्री आपको एक पेशेवर वकील बनने की ओर पहला कदम है।
एलएलबी का इतिहास
एलएलबी की शुरुआत अंग्रेजी न्यायिक व्यवस्था से हुई थी, और इसे पहली बार इंग्लैंड में पेश किया गया था। इसका उद्देश्य छात्रों को कानून का विस्तृत ज्ञान देना था, ताकि वे समाज में न्याय दिलाने का काम कर सकें। भारत में, यह कोर्स बहुत प्रतिष्ठित है और देश के कई नामी-गिरामी कॉलेज और विश्वविद्यालय इसे प्रदान करते हैं।
एलएलबी कोर्स की अवधि
भारत में एलएलबी करने के दो प्रमुख रास्ते हैं:
5 साल का इंटीग्रेटेड कोर्स - यह कोर्स उन छात्रों के लिए है जो 12वीं के बाद कानून की पढ़ाई शुरू करना चाहते हैं। इस कोर्स के अंतर्गत आपको स्नातक की डिग्री (जैसे बीए, बीकॉम) और एलएलबी दोनों की डिग्री एक साथ मिलती है।
3 साल का एलएलबी कोर्स - यह कोर्स उन छात्रों के लिए है जिन्होंने पहले से स्नातक की डिग्री (बीए, बीकॉम, बीएससी आदि) प्राप्त कर ली है और अब कानून के क्षेत्र में जाना चाहते हैं।
एलएलबी कोर्स के लिए योग्यता
एलएलबी में दाखिला लेने के लिए निम्नलिखित योग्यताएं आवश्यक हैं:
5 साल के कोर्स के लिए: किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं पास होना जरूरी है। कुछ संस्थान 12वीं में न्यूनतम 45-50% अंकों की आवश्यकता रखते हैं। साथ ही, कुछ प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश के लिए CLAT (Common Law Admission Test) जैसी प्रवेश परीक्षा भी देनी होती है।
3 साल के कोर्स के लिए: किसी भी विषय में स्नातक (बीए, बीकॉम, बीएससी आदि) होना चाहिए। कुछ संस्थानों में स्नातक में न्यूनतम 45-50% अंक की आवश्यकता होती है।
एलएलबी के दौरान पढ़ाए जाने वाले विषय
एलएलबी कोर्स के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के कानून से संबंधित विषय पढ़ाए जाते हैं। कुछ प्रमुख विषय निम्नलिखित हैं:
संवैधानिक कानून (Constitutional Law)
कंपनी कानून (Corporate Law)
अपराध कानून (Criminal Law)
पारिवारिक कानून (Family Law)
अनुबंध कानून (Contract Law)
पर्यावरण कानून (Environmental Law)
अंतर्राष्ट्रीय कानून (International Law)
संपत्ति कानून (Property Law)
एलएलबी के दौरान आपको न्यायिक प्रक्रियाओं, कानूनों के सिद्धांतों और न्यायालयों के कामकाज के बारे में विस्तार से सिखाया जाता है।
एलएलबी के बाद करियर विकल्प
एलएलबी करने के बाद करियर के कई विकल्प आपके सामने खुलते हैं। यहां कुछ प्रमुख विकल्प दिए गए हैं:
वकील (Advocate): एलएलबी की डिग्री प्राप्त करने के बाद, आप बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराकर वकालत शुरू कर सकते हैं। आप कोर्ट में मुकदमे लड़ सकते हैं और लोगों को कानूनी सलाह दे सकते हैं।
न्यायिक सेवा (Judicial Services): एलएलबी के बाद आप न्यायिक सेवा की तैयारी कर सकते हैं। जज बनने के लिए आपको राज्य स्तरीय न्यायिक सेवा परीक्षाएं (जैसे PCS (J) परीक्षा) उत्तीर्ण करनी होती है।
कंपनी कानून सलाहकार (Corporate Lawyer): बड़ी कंपनियों को अपने कानूनी मामलों के लिए कानून विशेषज्ञों की आवश्यकता होती है। आप कंपनी कानून सलाहकार के रूप में काम कर सकते हैं।
सार्वजनिक सेवा आयोग (Public Service Commission): एलएलबी करने के बाद आप संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) या राज्य लोक सेवा आयोग (SPSC) की परीक्षाओं में भाग लेकर सरकारी सेवाओं में शामिल हो सकते हैं।
एलएलएम (LLM): एलएलबी के बाद आप उच्च शिक्षा के लिए एलएलएम (Master of Laws) कर सकते हैं। यह एक 2 साल का कोर्स है, जो आपको किसी खास क्षेत्र में विशेषज्ञता प्रदान करता है।
कानूनी परामर्शदाता (Legal Consultant): बहुत से संस्थानों और गैर-सरकारी संगठनों को कानूनी मामलों पर सलाह देने के लिए कानूनी परामर्शदाताओं की आवश्यकता होती है। यह भी एक महत्वपूर्ण करियर विकल्प है।
शिक्षण (Teaching): यदि आपको शिक्षा के क्षेत्र में रुचि है, तो एलएलबी के बाद आप लॉ कॉलेजों में प्राध्यापक के रूप में पढ़ा सकते हैं। इसके लिए आपको नेट (NET) परीक्षा पास करनी होगी।
एलएलबी की फीस
एलएलबी कोर्स की फीस संस्थान और विश्वविद्यालय के अनुसार भिन्न होती है। सामान्यतः सरकारी विश्वविद्यालयों में फीस कम होती है, जबकि निजी कॉलेजों में फीस अधिक हो सकती है। 3 साल के एलएलबी कोर्स की वार्षिक फीस 20,000 रुपये से लेकर 1.5 लाख रुपये तक हो सकती है। वहीं, 5 साल के इंटीग्रेटेड कोर्स की फीस 1 लाख रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक हो सकती है।
भारत के प्रमुख लॉ कॉलेज और विश्वविद्यालय
भारत में कई प्रतिष्ठित संस्थान और विश्वविद्यालय एलएलबी कोर्स प्रदान करते हैं। कुछ प्रमुख संस्थानों की सूची:
नेशनल लॉ स्कूल ऑफ़ इंडिया यूनिवर्सिटी (NLSIU), बैंगलोर
नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (NLU), दिल्ली
नेशनल एकेडमी ऑफ़ लीगल स्टडीज एंड रिसर्च (NALSAR), हैदराबाद
जामिया मिलिया इस्लामिया, दिल्ली
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU), वाराणसी
दिल्ली यूनिवर्सिटी, दिल्ली
सिम्बायोसिस लॉ स्कूल, पुणे
गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (GNLU), गांधीनगर
इनमें से अधिकांश संस्थानों में प्रवेश के लिए CLAT या अन्य प्रवेश परीक्षाओं को पास करना जरूरी होता है।
एलएलबी के लाभ
कानून की डिग्री आपको सिर्फ वकील बनने का अवसर ही नहीं देती, बल्कि आपको समाज में न्याय दिलाने और कानून के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने का मौका भी देती है। यहां कुछ प्रमुख लाभ दिए गए हैं:
समाज में सम्मान: वकील या न्यायाधीश का पेशा समाज में बहुत सम्मानित माना जाता है।
करियर के कई अवसर: कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद आपके पास सरकारी, निजी और स्व-रोजगार के कई अवसर होते हैं।
आर्थिक स्थिरता: एक सफल वकील या कानूनी सलाहकार बनने के बाद आप आर्थिक रूप से भी स्थिर हो सकते हैं।
न्याय दिलाने का अवसर: कानून का अध्ययन आपको सही और गलत के बीच अंतर समझने में मदद करता है और आप लोगों को न्याय दिलाने का काम कर सकते हैं।
निष्कर्ष
एलएलबी एक ऐसा कोर्स है जो न केवल आपको एक पेशेवर करियर देता है, बल्कि आपको समाज में न्याय का प्रहरी बनने का भी अवसर प्रदान करता है। अगर आपको कानून और न्याय के क्षेत्र में रुचि है, तो एलएलबी आपके लिए एक शानदार करियर विकल्प हो सकता है।
उम्मीद है कि इस लेख से आपको एलएलबी से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियां मिल गई होंगी। अगर आपके पास कोई और सवाल है, तो आप नीचे कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं।
Social Plugin